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Bhai Duj

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भ्रातृ द्वितीया  ( भाई दूज )  कार्तिक  मास के  शुक्ल पक्ष  की  द्वितीया  तिथि को मनाया जाने वाला हिन्दू धर्म का पर्व है जिसे  यम द्वितीया  भी कहते हैं। यह  दीपावली  के दो दिन बाद आने वाला ऐसा पर्व है, जो भाई के प्रति बहन के स्नेह को अभिव्यक्त करता है एवं बहनें अपने भाई की खुशहाली के लिए कामना करती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार  कार्तिक  शुक्ल द्वितीया को पूर्व काल में [यमुना]] ने  यमराज  को अपने घर पर सत्कारपूर्वक भोजन कराया था। उस दिन नारकी जीवों को यातना से छुटकारा मिला और उन्हें तृप्त किया गया। वे पाप-मुक्त होकर सब बंधनों से छुटकारा पा गये और सब के सब यहां अपनी इच्छा के अनुसार सन्तोषपूर्वक रहे। उन सब ने मिलकर एक महान् उत्सव मनाया जो यमलोक के राज्य को सुख पहुंचाने वाला था। इसीलिए यह तिथि तीनों लोकों में यम द्वितीया के नाम से विख्यात हुई। [1]  जिस तिथि को यमुना ने यम को अपने घर भोजन कराया था, उस तिथि के दिन जो मनुष्य अपनी बहन के हाथ का उत्तम भोजन करता है उसे उत्तम भोजन समेत धन की प्राप्ति भी होती रहती है। [2]  लेकिन देखने में आता है कि इतना कुछ करने के बाद भी

NAAG PUJA

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Nag Panchami 2020: नाग पंचमी पर पूजा अर्चना करके जीवन की सभी मुश्किलों को बहुत आसानी से दूर किया जा सकता है. मान्यता है कि इस दिन नाग देव की पूजा से भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहती है.     Nag Panchami 2020:  नाग पंचमी का त्यौहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. पौराणिक काल से ही नागों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है. इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजन का बहुत महत्व माना गया है. मान्यता है कि इस दिन सर्पों को दूध से स्नान और पूजन कर दूध से पिलाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है. नाग पंचमी के दिन घर के प्रवेश द्वार पर नाग चित्र बनाने की भी परम्परा है. माना जाता है कि इससे नागदेव की कृपा बनी रहती है और घर सुरक्षित रहता है।  लेकिन यह पूजा शास्त्र विरुद्ध होने से हानिकारक है क्योंकि गीता जी वेदो तथा सभी सद ग्रंथों में प्रमाण है कि एक पूर्ण परमात्मा है जिसकी भक्ति करनी चाहिए उसी की भक्ति से ही मोक्ष तथा सुख संभव है।  इसलिए आज पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज हैं । उनसे दीक्षा लेकर मर्यादा वत भक्ति करने से सभी सुख तथा मोक्ष की प्राप्ति स

Shiv ji

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क्या शिवजी अजर अमर अविनाशी  परमात्मा हैं? अगर शिव जी भगवान पूर्ण परमात्मा है तो फिर वे किसका ध्यान धरते है?  अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखें साधना टीवी चैनल पर संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन शाम 7:30 से 8:30 बजे तक

Right Education

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सर्व जगत के भाई बंधुओं,  बुजुर्गों का सम्मान  सभी का तहे दिल से हार्दिक समान करता हूं।  आज शिक्षा का इस आधुनिक युग में बहुत महत्व है। शिक्षा पद्धति से ही यहां पर सर्वे काम विकासशील प्रगति पर है जिसके फलस्वरूप आज वैज्ञानिक,  डॉक्टर इतने बड़े स्तर पर कार्य करके समाज की सेवा कर रहे  हैं। अशिक्षितों में शिक्षित पशु की तरह होता है। इसलिए सभी भाई बंधुओं माता-पिता गुरुजनों से मेरी प्रार्थना है कि अपने बच्चों को शिक्षित जरूर करें।  लेकिन देखने में आया है और सोचने की बात है कि शिक्षा के सदुपयोग दुखियों का काफी हद तक पहुंच चुका है जिसके फलस्वरूप नशा चोरी, झूठ  बोलना जघन्य अपराध जैसे समाज में बढ़ रहे हैं। ये शिक्षा का दुष्प्रभाव है और हमारा वातावरण भी दूषित हो गया है। siksha रोजी रोटी का धंधा ही नहीं  शिक्षा से सर्वधर्म के धर्मग्रंथ पढ़कर परमात्मा /प्रभु /भगवान को पहचान सकते हैं और अपना मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए सभी देशवासी अपने बच्चों को साधना टीवी चैनल पर शाम 7:30 से 8:30 बजे तक संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन आते हैं वो  सत्य ज्ञान  सुनायेंं। आध्यात्मिकता 

Gita ji

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गीता ज्ञान दाता के अनुसार मोक्ष प्राप्ति के लिए पूर्ण संत,  गुरु रूप में होना आवश्यक है।

TRUE GURU

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नकली संत कहते हैं कि सद्भक्ति से पापकर्म नहीं कटते, भोगने ही पड़ेंगे। जबकि सच्चे गुरु संत रामपाल जी महाराज सभी शास्त्रों से प्रमाणित करके बताते हैं कि सद्भक्ति से पापकर्म कटते हैं और कैंसर क्या कैंसर का बाप भी ठीक होता है।

kashi me murk pandit

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600 वर्ष पूर्व काशी शहर में पण्डितों ने गंगा नदी के किनारे मनुष्य काटने का हथा लगा कर श्रद्धालुओं को बहकाने लगे कि परमात्मा की तरफ से आदेश आया है कि जो शीघ्र स्वर्ग जाना चाहता है वो इस करोत से गला कटवा लगे। जिससे भर्मित श्रद्धालुओं ने वह भी स्वीकार कर लिया। उस समय परमात्मा कबीर परमेश्वर जी कहते थे कि सतभगति व सुकर्म करने वाला कही भी शरीर छोड़े वो अपने ईस्ठ धाम जाता है।